
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (1 फरवरी) को देश का बजट पेश किया. इस बजट के आने से पहले से ही लोगों को बहुत सारी उम्मीदें थीं. निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ये सदी का सबसे बेहतर बजट होगा, जबकि पीएम मोदी ने इस बात का इशारा किया है कि ये किसी मिनी बजट से अधिक नहीं होगा. ऐसे में उम्मीदें कम रहनी चाहिए. इस बजट से बहुत सारे लोगों की उम्मीदें पूरी हुई हैं, लेकिन ऐसे भी बहुत से लोग हैं जिनके हाथ निराशा लगी है. आइए जानते हैं इस बजट में कौन हारा और कौन जीता.
इस बजट में कौन जीता?
हेल्थ सेक्टर को सबसे ज्यादा बजट
इस बार के बजट में सबसे अधिक फायदे में रहा हेल्थ सेक्टर, जिसे इस बजट में 2.38 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया. स्वास्थ्य बजट में 135 पर्सेंट का इजाफा हुआ है. ये पहले 94 हजार करोड़ रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपये किया गया है.
बुजुर्गों को भी बड़ी राहत
इस बार के बजट में बुजुर्गों को बड़ी राहत मिली है. 75 साल के अधिक की उम्र के लोगों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि, शर्त ये है कि ये छूट उन्हें सिर्फ पेंशन पर दी जा रही है, ना कि बाकी किसी तरीके से हुए कमाई पर. यानी बाकी हर तरह की कमाई टैक्स के दायरे में होगी.
बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में बढ़ा एफडीआई
इस बार के बजट में इंश्योरेंस सेक्टर में 74 फीसदी तक एफडीआई का ऐलान किया गया है, जो पहले सिर्फ 49 फीसदी था. इसके अलावा निवेशकों के लिए चार्टर बनाने का भी ऐलान किया गया है. वहीं बैंकों का फंसा हुआ कर्ज दूर करने के लिए एक अलग से कंपनी बन रही है, जो इन फंसे हुए कर्ज को बैंकों से लेकर बाजार में बेचेगी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में ढेर सारी नौकरियां निकलेंगी.
इस बजट में कौन हारा?
नौकरीपेशा के हाथ लगी निराशा
ये बजट सबसे खराब रहा नौकरीपेशा के लिए. काफी समय से इस बजट से उम्मीद की जा रही थी कि इसमें धारा 80सी के तहत छूट की सीमा बढ़ सकती है और साथ ही 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर मिलने वाली छूट के भी बढ़ने की उम्मीद थी. ये उम्मीद इसलिए भी की जा रही थी, क्योंकि पिछले करीब 7 सालों से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. आखिरी बार जुलाई 2014 में ये टैक्स छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई थी और धारा 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई थी.
आम आदमी के लिए कुछ नहीं
देखा जाए तो ये बजट आम आदमी का था ही नहीं. आम आदमी को राहत मिले, ऐसी तो कोई घोषणा ही नहीं हुई. उल्टा तमाम चीजों पर कस्टम ड्यूटी और सरचार्ज लगने की वजह से मोबाइल समेत बहुत सारी चीजें महंगी भी हो रही हैं. आम आदमी के लिए ये बजट निराशाजनक रहा.
महिलाओं के लिए कुछ खास नहीं
वित्त मंत्री निर्मली सीतारमण से उम्मीद थी कि वह महिलाओं के लिए जरूर कुछ ना कुछ खास करेंगी. उम्मीद की जा रही थी महिलाओं को और मजबूत करने की कोशिश की जाएगी, लेकिन बजट भाषण सुनकर यूं लगा मानो महिलाओं पर भी इस बजट में कुछ खास ध्यान नहीं दिया गया.