जयंत और अखिलेश के बीच टकराव की वजह बनेगा राजस्थान का चुनाव?

0
61

कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है. पंजाब गवां चुकी कांग्रेस की नजरें राजस्थान विधानसभा चुनाव पर टिकीं है. वहीं, भाजपा की कोशिश है कि राजस्थान से कांग्रेस पार्टी को जड़ से उखाड़ने फेंकने की. ये दोनों ही पार्टियां राजस्थान की सबसे बड़ी पार्टी है. ऐसे में मुख्य मुकाबला भी इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच देखा जा रहा है, लेकिन इन सबके बीच समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के रिश्तों की भी परीक्षा है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में बीते 5 सालों से समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) एक साथ में है. वहीं, 2018 में यूपी में हुए उपचुनाव में भी दोनों पार्टियां एक साथ आईं. इसले अलावा 2019 का लोकसभा और 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव भी दोनों पार्टियों ने एक साथ लड़ा. बीते साल दिसंबर माह में हुए उपचुनाव में भी दोनों पार्टियां एक साथ रहे.

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी लगातार यह कहते आ रहे है कि उनका गठबंधन मजबूत है और दोनों ही पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे, लेकिन उससे पहले राजस्थान में विधानसभा चुनाव होना है. ये चुनाव इन दोनों पार्टियों के गठबंधन के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. दरअसल, राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी ने राजस्थान में कांग्रेस से गठबंधन कर रखा है. साल 2018 में कांग्रेस और RLD ने एक साथ चुनाव भी लड़ा था. कांग्रेस ने 99 सीटें जीती थीं, तो RLD भी भरतपुर सीट जीतने में कामयाब रही थी. 2018 में कांग्रेस ने राज्य में सरकार भी बना ली. RLD विधायक सुभाष गर्ग भी राजस्थान सरकार में मंत्री हैं. अब एक बार फिर दोनों ही पार्टियां एक साथ में चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस से लड़ने के मूड में है.

बता दें, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में रिश्ते बिगड़ गए थे. दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन ऐन वक्त पर गठबंधन टूट गया था. वहीं, इस बार राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने सभी 200 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. अगर, समाजवादी पार्टी (सपा) राजस्थान की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, तो जाहिर सी बात है वो RLD के सामने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारेगी. जयंत चौधरी और अखिलेश यादव जो यूपी में मजबूत और भरोसेमंद साथी हैं, राजस्थान में आमने-सामने हो जाएंगे.

अगर, सपा-RLD राजस्थान में आमने-सामने होंगें, तो इसका असर यूपी में गठबंधन पर ना हो, ऐसा नहीं हो सकता. ऐसे में जाहिर है कि 2024 के लोकसभा से पहले राजस्थान का विधानसभा भी अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं होने वाला है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here