पंजाब की जालंधर पुलिस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को धमकी देने वाले खालिस्तानी समर्थक एवं ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अमृतपाल को जलांधर के नकोदर इलाके से गिरफ्तार किया है. इससे पहले पंजाब पुलिस अमृतपाल के 6 साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
इधर, अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद से राज्य में तनाव का माहौल है. लिहाजा, प्रशासन ने ऐहतियातन राज्य के कई शहरों में रविवार (19 मार्च) रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. बताया जा रहा है कि तीन गाड़ियों के काफिले में जा रहे अमृतपाल सिंह पर ये कार्रवाई की गई है. इस दौरान पुलिस ने दो गाड़ियां तो पकड़ ली, लेकिन अमृतपाल सिंह तीसरी गाड़ी में भागने में कामयाब रहा, लेकिन वह ज्यादा दूर तक नहीं भाग पाया. पुलिस ने उसे (अमृतपाल सिंह) नकोदर के पास से गिरफ्तार कर लिया है.
वहीं, खालिस्तानी समर्थक एवं ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के कुछ समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो शेयर कर दावा किया कि पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे हैं. अमृतपाल सिंह के कम से कम 6 साथियों को हिरासत में लिया गया है. अमृतपाल सिंह भाषणों के माध्यम से अलगाववादी प्रचार चला रहा है.
दरअसल, पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी समर्थक एवं ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ हेट स्पीच समेत तीन मामले दर्ज हैं. इन्हीं मामलों पर पंजाब पुलिस ने कार्रवाई की है. पंजाब पुलिस सुबह से ही अमृतपाल सिंह के काफिले का पीछा कर रही थी. वहीं, जब काफिला महतपुर के पास पहुंचा, तो पुलिस ने उसे घेर लिया, लेकिन अमृतपाल सिंह अपनी मर्सिडीज कार से फरार हो गया. हालांकि, इस दौरान पुलिस ने अमृतपाल सिंह की दो गाड़ियों में सवार 6 साथियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए.
बता दें, खालिस्तानी समर्थक एवं ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथी गुरिंदर सिंह पर पुलिस ने कुछ दिनों पहले ही कार्रवाई की थी. गुरिंदर सिंह जब देश छोड़कर भागने की फिराक में था, तब उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. इससे पहले उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था.
जानिए कौन है अमृतपाल सिंह?
30 वर्षीय अमृतपाल सिंह खालिस्तानी समर्थक है और वह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख है. ये संगठन पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 30 सिंतबर, 2021 को अस्तित्व में आया था. इस संगठन को पंजाबी एक्टर और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था. ये वहीं दीप सिद्धू हैं, जिन पर किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी, 2021 को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली का समर्थन करने और कथित रुप से हिंसा भड़काने के साथ ही दिल्ली के लाल किले पर सिख धर्म से जुड़ा झंडा फरहराने के आरोप लगे थे और उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
जेल से जमानत पर रिहा हुए दीप सिद्धू की 15 फरवरी, 2022 को सड़क हादसे में मौत हो गई थी, जिसके बाद इस संगठन की कमान कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली और वो इसका प्रमुख बन गया, उसने किसान आंदोलन में भी रुचि दिखाई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया. अमृतपाल सिंह 2012 में दुबई चला गया था. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर रिश्तेदार दुबई में ही रहते हैं. अमृतपाल ने शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी की, उसने 12वीं तक पढ़ाई की है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अमृतपाल कई विवादों, अपहरण और धमकियों के मामलों में शामिल रहा है, उसने हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को धमकी देते हुए कहा था कि उनका हश्र पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसा होगा.