केंद्र शासित प्रदेश दादर और नगर हवेली से लोकसभा सांसद रहे मोहन डेलकर की खुदकुशी की खबर से राजनैतिक गलियारों में सनसनी फैल गई है. मोहन डेलकर शव सोमवार (22 फरवरी) को मुंबई के होटल सी ग्रीन साउथ में मिला. मोहन के शव के साथ 6 पन्नों का एक पत्र भी मिला, जोकि गुजराती भाषा में है इस पत्र में 40 लोगों का नाम लिखा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है मगर सवाल मोहन डेलकर के खुदकुशी से जुड़ा हुआ है आखिर 6 बार सांसद रहे मोहन डेलकर को कौन-सी चिंता सता रही थी जिसकी वजह से उन्होंने मौत को गले लगा लिया.
फिलहाल फॉरेसिंक डिपार्टमेंट इस मोहन डेलकर के अंतिम पत्र की जांच कर रही है, कि क्या मोहन डेलकर ने ही इस पत्र को लिखा है या और किसी नें. मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक सांसद मोहन डेलकर ने खुदकुशी की है. फॉरेंसिक टीम ने होटल के उस कमरे की 4 घंटे तक तलाशी ली जहां मोहन डेलकर का शव बरामद हुआ था.
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर सांसद मोहन डेलकर ने खुदकुशी क्यों की और दादर और नगर हवेली के सांसद मुंबई में क्या कर रहे थे? हालांकि इन सवालों के जवाब तो पुलिसिया जांच के बाद ही मिल सकेंगे, लेकिन जानकारी मिली है कि मोहन डेलकर पिछले हफ्ते जेडीयू के नेताओं से मिले थे. उन्होंने नेताओं से दादर और नगर हवेली के हालात पर चर्चा की थी. वो सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को लेने मुंबई आए थे और 23 फरवरी को सांसदों को अपने साथ ले जाना था.
मोहन डेलकर का राजनीतिक सफर
मोहन डेलकर साल 1989 से दादर और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. वो 7 बार दादर और नगर हवेली से सांसद चुने गए. उन्होंने साल 2009 में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन कर ली थी. लेकिन साल 2019 के लोक सभा चुनावों में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे और फिर से जीत गए.