
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट
सोशल मीडिया पर केंद्रीय सरकारी संस्थान जैसे प्रसार भारती, आकाशवाणी, दूरदर्शन और पीआईपी जैसी तमाम सरकारी संस्थानों का अप्वाइंटमेंट लेटर धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. इस लेटर को आधार बनाकर दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय सरकारी संस्थानों ने भर्तियां निकली है और लोगों की ज्वाइनिंग हो रही है.
क्या है वायरल पोस्ट का सच?
जब हमने वायरल पोस्ट की हकीकत जानने के लिए इससे जुड़े की-वर्ड को इंटरनेट पर सर्च किया, तो हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे इस वायरल पोस्ट की पुष्टि हो सके.
हालांकि हमें इस पोस्ट से जुड़े कई मीडिया संस्थानों पर वायरल हो रहे लेटर के साथ एक खबर मिली. खबरों के मुताबित, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नौकरी के नाम पर ठगी का गोरखधंधा चल रहा था. यहां पर बाकायदा पीआईबी दफ्तर बनाकर फर्जी नियुक्ति की जा रही है.
फिलहाल रायपुर पुलिस ने फर्जी दफ्तर चलाने वाले मुख्य आरोपित अभिजीत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपित के दफ्तर से आकाशवाणी, प्रसार भारती, डीपीआर, दूरदर्शन, पीआईबी, रेलवे समेत कई सरकारी संस्थानों के अप्वाइंटमेंट लेटर मिले, जिस पुलिस ने जब्त कर लिया है.
हैरानी की बात यह है कि इन फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर पर सरकारी मुहर तक लगी हुई है.
हमारी पड़ताल के दौरान हमें पीआईबी के ट्विटर हैंडल पर यही वायरल पोस्ट मिली. पीआईबी ने साफ कर दिया कि सरकारी संस्थानों के नाम पर ठगी चल रही थी और समय रहते ही इस फर्जी संस्थान का भंडाफोड़ हो गया.
पीआईबी फैक्ट चैक ने ट्विटर पर लिखा, “एक फर्जी संगठन द्वारा रायपुर में आवेदकों को नियुक्ति के नाम पर उन्हें ठगने की घटना सामने आई है. आकाशवाणी, पीआईबी और प्रसार भारती द्वारा जारी किए गए ऑफर लेटर फर्जी है. सरकारी संस्थानों के नाम से काम करने वाले जालसाजों से सावधान रहे”
लिहाजा हमारी पड़ताल में साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर केंद्रीय सरकारी संस्थानों द्वारा किसी तरह का ठफर लेटर जारी नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ.