मध्य प्रदेशः ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री की हत्या मामले पर बोले शिवराज सरकार के पशुपालन मंत्री- हम दूसरे देश की बात नहीं करते…

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29 जनवरी, 2023 को ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस संबंध में मध्य प्रदेश के शिवराज सरकार के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल से जब सवाल किया गया, तो उन्हें ओडिशा को दूसरे देश का हिस्सा बता दिया. मतलब शिवराज सरकार के पुशपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ओडिशा को भारत का हिस्सा नहीं मानते है. इसलिए उस पर जवाब देने मुनासिब नहीं समझा.   

दरअसल,  30 जनवरी (सोमवार) को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल होने पहुंचे पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल मीडिया से बातचीत के दौरान ओडिशा को दूसरा देश बता दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लोग मंत्री जी के सामान्य ज्ञान पर चुटकी ले रहे है.

बता दें, रिपोर्टर ने पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल से ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या से जुड़ा सवाल पूछ लिया. रिपोर्टर ने पूछा, ओडिशा में स्वास्थ्य मंत्री को पुलिस ने गोली मारी गई. मंत्रियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर और क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए. इस पर प्रेमसिंह ने जवाब देते हुए कहा, हम दूसरे देश की बात नहीं करते. इसके बाद ठहाके लगाते हुए वो निकल गए.

हालांकि, यह कोई पहला मौका नहीं है जब पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का बयान सुर्खियां बटोर रहा है. मई, 2022 में मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के मूंग वितरण के दौरान मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने फोटो खिंचवाने के लिए एक महिला का घूंघट खींच दिया. उनका वीडियो वायरल भी हुआ था.

हालांकि, विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वो 1993 से लगातार विधायक हैं. क्षेत्र में सभी को जानते हैं. महिला को उन्होंने बेटी समझकर उसका घूंघट हटाया था और उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है.

बता दें, प्रेम सिंह पटेल बड़वानी से 5 बार विधायक रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री प्रेम सिंह पटेल 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने शपथ पत्र को लेकर भी चर्चा में आए थे. अपने शपथ पत्र में उन्होंने 4 पत्नियों की संपत्तियों का जिक्र किया था.

प्रेम सिंह पटेल का राजनीतिक सफर

19 दिसंबर, 1956 को जन्मे विधायक प्रेम सिंह पटेल ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है. 1980 में वो सरपंच बने और 10 साल सरपंच रहे. 1990 में उन्हें जनपद उपाध्यक्ष चुना गया और 1993 में भाजपा से टिकट मिला, इस तरह वो पहला विधानसभा चुनाव जीते. 1993 के चुनाव में खरगोन जिले की 10 सीटों में से एकमात्र बड़वानी सीट पर भाजपा नेता प्रेमसिंह पटेल ने जीत हासिल की थी. 1998 में विधानसभा चुनाव में साले सायसिंह पटेल को हराया. 2003 और 2008 में तेरसिंह पटेल और राजन मंडलोई को हराकर भाजपा को जीत दिलाई.

वहीं, 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी और भतीजे रमेश पटेल से सीट हार गए. 2017 में निकाय चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा. 2018 में वापस जीत हासिल की और त्रिकोणीय मुकाबले में निर्दलीय राजन मंडलोई व कांग्रेस प्रत्याशी रमेश को हराकर शिवराज सरकार में मंत्री बने.

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