
देश में बढ़ती महंगाई और गैस सिलेंडर की बढ़ी कीमतों ने आम आदमी के किचन का बजट बिगाड़ दिया है. इसी बीच मोदी सरकार की महत्वकांक्षी उज्जवला योजना को लेकर राइट टू इनफार्मेशन (RTI) से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है. RTI के आंकड़ों के मुताबिक पिछसे साल वित्त वर्ष में उज्जवला योजना के तहत LPG गैस सिलेंडर लेने वाले 90 लाख लाभार्थियों ने दोबारा सिलेंडर भरवाया ही नहीं है. इसके साथ ही करीब एक करोड़ लाभार्थी ऐसे भी है, जिन्होंने केवल LPG कनेक्शन लेने के बाद साल में एक बार ही सिलेंडर को भरवाया है.
यह स्थिति तब है, जब हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए है और चार राज्यों में भाजपा सरकार की दमदार वापसी हुई है.
बता दें, RIT कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर की ओर से दाखिल की गई RTI में यह खुलासा हुआ है, जिसमें उन्होंने तीनों सरकारी तेल वितरण कंपनियों इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम लिमिटेड (BPCL) से जानकारी मांगी थी.
मालूम हो, 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना की शुरूआत उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से की थी. इस योजना के तहत मार्च 2020 तक 8 करोड़ LPG सिलेंडर देने का लक्ष्य रखा गया था और सरकार की ओर लक्ष्य से अधिक करीब 9 करोड़ LPG गैस कनेक्शन दिए गए. वित्त वर्ष 2021-22 में उज्ज्वला 2.0 (PMUY2.0) को लॉन्च किया गया है.
RTI से मिली जानकारी के मुताबिक, इंडियन ऑयल ने बताया कि मार्च 2021 तक दिए LPG कनेक्शनों में से करीब 65 लाख ग्राहकों ने पिछले वित्त वर्ष में LPG सिलेंडर भराया ही नहीं है जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 9.1 लाख और भारत पेट्रोलियम के 15.96 लाख ग्राहकों ने LPG सिलेंडर भराया ही नहीं है. भारत पेट्रोलियम ने बताया कि यह आंकड़ा सिंतबर 2019 तक उज्जवला योजना के पहले फेस में दिए गए कनेक्शनों का हैं.
बता दें, पिछले वित्त वर्ष के दौरान इंडियन ऑयल के करीब 52 लाख ग्राहकों ने साल में एक बार LPG गैस सिलेंडर लिया था जबकि हिंदुस्तान पेट्रोलियम के 27.58 लाख ग्राहकों ने और भारत पेट्रोलियम के 28.56 लाख ग्राहकों ने साल में केवल एक बार ही सिलेंडर भराया था.