
दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के मालिक एलन मस्क की नजर अब भारत की टेलिकॉम इंडस्ट्री पर टिकी है, उनकी कंपनी स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन (SpaceX) स्टारलिंक प्रोजेक्ट के जरिए भारत आने की योजना बना रही है. मस्क 100 एमबीपीएस सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सेवा के जरिए तेजी से बढ़ रही भारतीय टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं.
सूत्रों के मुताबिक मस्क ने भारत सरकार को देश में सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजीज की अनुमति देने का अनुरोध किया है. टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल अगस्त में एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया था. इसके जवाब में SpaceX की सैटेलाइट गवर्नमेंट अफेयर्स पैट्रीशिया कूपर ने कहा कि स्टारलिंक के हाई स्पीड सैटेलाइट नेटवर्क से भारत के सभी लोगों को ब्रॉडबैंक कनेक्टिविटी से जोड़ने के लक्ष्य में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि उनकी सर्विस से दूरदराज के वे सभी लोग लाभांवित होंगे जो अभी ब्रॉडबैंड सेवा से वंचित हैं, उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सर्विस बहुत सस्ती होगी. साथ ही SpaceX जल्दी ही भारत में स्टारलिंक को लॉन्च कर सकती है, बशर्ते ट्राई उसकी सिफारिशें माने. SpaceX का स्टारलिंक प्रोजेक्ट पृथ्वी की निचली कक्षा में मौजूद सैटेलाइट्स का एक समूह है जिसके जरिए दुनिया के दूरदराज के इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन मुहैया कराया जा सकता है.
स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन (SpaceX) ने स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के लिए 1000 से भी अधिक सैटेलाइट छोड़े हैं. कंपनी अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में धड़ाधड़ ग्राहकों के साथ साइन करने में लगी है। SpaceX ने निवेशकों से कहा है कि स्टारलिंक की नजर इन-फ्लाइट इंटरनेट, मैरिटाइम सर्विसेज, भारत और चीन में डिमांड और रूरल कस्टमर्स पर है. यह पूरा बाजार एक ट्रिलियन डॉलर का है. कई महीनों से SpaceX अपने Falcon 9 रॉकेट्स से स्टारलिंक सैटेलाइट्स लॉन्च करने में लगी है. एक बार में 60 सैटेलाइट भेजे जा रहे हैं. 17वां स्टारलिंक लॉन्च 20 जनवरी को हुआ था. ऑर्बिट में कंपनी के 960 सैटेलाइट एक्टिव हैं. इससे स्पेसएक्स नॉर्थ अमेरिकी और ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर सर्विस शुरू करने की तैयारी में है. इस बारे में स्पेसएक्स ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
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