
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजीटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दूसरे राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर जनता का सहयोग मांगा है और इस संबंध में उन्होंने एक डिजीटल प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ‘एक मौका केजरीवाल को’ अभियान की शुरू कर जनता से एक मौका मांगा है. इसी को लेकर दिल्ली के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष छौदरी अनिल कुमार ने निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि दिल्लीवालों ने उन्हें लगातार मौके देकर 3 बार मुख्यमंत्री बनाया, परंतु 7 वर्षों के शासनकाल में उन्होंने मौजूदा विकसित दिल्ली को बदहाल बना दिया, जिसे कांग्रेस की सरकार ने 15 वर्षों में विश्वस्तरीय शहर बनाया था, उन्होंने कहा कि केजरीवाल जिस बेहतर काम के लिए दिल्ली मॉडल की प्रशंसा दूसरें राज्यों के चुनाव प्रचार में कर रहे है वो वर्ल्डक्लास दिल्ली उन्हें कांग्रेस के शासन से विरासत में मिली है. कांग्रेस द्वारा विकसित दिल्ली का जिक्र करते समय केजरीवाल पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और उत्तर प्रदेश के लोगों क्यों नहीं बताते की ये उनको कांग्रेस सरकार द्वारा विरासत में मिला है.
प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस के समय विकास के लिए जानी जाने वाली राजधानी को केजरीवाल 3 कार्याकालों में भी बरकरार नहीं रख पाए. आज राजधानी की बदहाल स्थिति को पूरा देश देख रहा है, उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ने एक भी नया अस्पताल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, स्कूल, फ्लाईओवर नहीं बनाया, कोई नई बस नहीं खरीदी. जिनके वायदे उन्होंने चुनावों में किए थे. केजरीवाल शासन में विकास से दूर रखी गई दिल्ली की अनाधिकृत, पुर्नवास और जे.जे. कॉलोनियों बदहाल स्थिति से दिल्ली में 50 लाख से अधिक लोग प्रभावित है, क्योंकि यहां गलियां, नालियां, सड़कें सब खस्ताहाल है.
अनिल कुमार ने दिल्लीवासियों से अपील की कि दिल्ली की मौजूदा बदहाल स्थिति से दिल्लीवासी केजरीवाल के कुप्रशासन से उत्पन्न संकट की परिस्थितियों से किस तरह आहत है उसका वीडियों बनाएं. लोगों के जीवन स्तर में आए आर्थिक संकट और अजीविका पालन से तंग हालात की जानकारी, केजरीवाल सरकार की प्रशासनिक असफलताओं के कारण ध्वस्त दिल्ली की हर परिस्थिति पर वीडियों बनाकर पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और उत्तर प्रदेश में रहने वाले अपने संबधी लोगों को भेजकर उन्हें सचेत करें ताकि वहां के लोग केजरीवाल की सच्चाई को समझे और उनके झूठे बहकावे में ना आएं.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ईमानदारी का बखान कर रहे है, अगर उन्होंने अपने 7 वर्षों के शासन में वास्तविक रुप में ईमानदारी से काम किया होता, तो राजधानी आज संक्रमण, बेरोजगारी, मंहगाई, प्रदूषण, गंदगी, भ्रष्टाचार, अपराध, कोविड मौतों, महिला उत्पीड़न में नंबर वन नहीं बनती. केजरीवाल की अक्षमताओं के कारण ही राजधानी रेप केपिटल और नशे की राजधानी बनी, उन्होंने कहा कि आंदोलन के बाद दिल्ली की सत्ता पाने वाले केजरीवाल के कुव्यवस्थित प्रशासन और बिना योजना के घोषणाओं के लालच का नतीजा आज दिल्लीवासी भुगत रहे है.