
असम के मोरीगांव जिले में जिहादियों के खिलाफ हिमंत बिस्व सरमा सरकार ने बढ़ा एक्शन लिया है. दरअसल, मोरीगांव जिले के मोइराबारी इलाके में संचालित जिहादी ‘जमीउल हुडा’ मदरसे पर बुलडोजर की कार्रवाई की है और मदरसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है. इस मदरसे को जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के चलते गिराया गया है.
बता दें, 28 जुलाई को मदरसे का संस्थापक मुफ्ती मुस्तफा को असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस को सूचना मिली थी कि उसका आतंकी संगठन अल-कायदा से कनेक्शन है, उसके साथ पुलिस ने करीब 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस को मुस्तफा मुफ्ती का अल-कायदा के अलावा बांग्लादेशी आतंकी संगठन (ABT) से भी जुड़ा होने का सबूत मिला है. मुस्तफा मोरीगांव के मोइराबारी इलाके में अवैध रूप से अपना मदरसा चला रहा था और यहीं से जिहादी गतिविधियों का अंजाम दे रहा था. लिहाजा, पुलिस ने उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया है. वहीं, उसकी गिरफ्तारी के बाद पहले मदरसे की सील किया गया था फिर गुरूवार (4 अगस्त) को उसे बुलडोजर से जमींदोंज कर दिया गया है.
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को कहा, ‘राज्य जिहादी गतिविधियों का अड्डा बन रहा है. पिछले कुछ महीनों में यहां बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल इस्लाम के 5 मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ है.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अंसारुल इस्लाम से संबंधित 6 बांग्लादेशी नागरिक, युवाओं को बरगलाने के लिए असम आए और उनमें से एक को इस साल मार्च में बारपेटा में पहले मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के दौरान गिरफ्तार किया गया था.’
बता दें, असम पुलिस द्वारा अल-कायदा के 28 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है. इसका नाम अंसारुल इस्लाम है. अंसारुल उन छह अल-कायदा नेताओं में से एक हैं, जो 2016 में अल-कायदा के आतंकी मॉड्यूल का विस्तार करने के लिए असम में आया. हालांकि उसे पकड़ लिया गया है, अभी 5 अन्य फरार हैं.
असम पुलिस के ADGP स्पेशल ब्रांच हिरेन नाथ ने इस मामले में बताया, मदरसे में जिहाद पढ़ाया जाता था. मोरीगांव मदरसा के लिए रुपया कोलकाता के पास हावड़ा से भेजा जाता था. इसके अलावा मुस्तफा कई बार कोलकाता भी गया था. 2019 के बाद से, मुस्तफा ने अंसारुल इस्लाम के सदस्यों अमीरुद्दीन अंसारी और मामून राशिद के साथ कई वित्तीय लेन-देन हुए. अमीरुद्दीन और मामून राशिद को कोलकाता और बारपेटा से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. अब अमीरुद्दीन और मामून के पास कहां से रकम आती थी, इसकी गहन जांच हो रही है.
हालांकि, इस मदरसे में आतंकी मॉड्यूल के लिंक को लेकर सूचना कुछ बच्चों के माता-पिता ने ही दी थी. बताया जा रहा है कि कुछ मुसलमानों ने गुपचुप पुलिस को सूचना दी की अल-कायदा मॉड्यूल जमाउल हुडा मदरसा में पढ़ाया जा रहा है. असम में पहले ही लगभग 600 सरकारी मदरसों को बंद कर दिया है और उन्हें नियमित स्कूलों में बदल दिया है, लेकिन करीब 1,000 निजी मदरसे अभी भी चल रहे हैं. इस मामले के सामने आने के बाद अब सीएम ने बचे सभी एक हजार मदरसों की निगरानी बढ़ा दी है, उनकी भी जांच शुरू कर दी गई है.