लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला, लाल किले पर खालसा झंडा

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जहां एक तरफ पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ आंदोलन कर रहे शाराती तत्वों ने देश को शर्मसार कर दिया. जब किसानों को ट्रैक्टर रैली की इज्जात दी गई थी तब यह तय हुआ था कि किसान शांति पूर्वक परेड करेंगे, फिर आखिर क्यों गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, तोड़फोड़ की और जमकर उत्पात भी मचाया. इस दौरान दिल्ली पुलिस के कई जवान जख्मी भी हुए.

राजधानी दिल्ली में घुसते ही किसानों ने लाल किले को निशाना बना और वहां पर पहुंचकर लाल किले पर धर्म विशेष का केसरी-पीले झंडा लहरा दिया और जमकर नारेबाजी भी की. इस सब के बीच रोचक बात यह रही कि इस उग्र आंदोलन के दौरान बड़े-बड़े किसान नेता नादरत रहे. मसलन, राकेश टिकैत, कक्का जी और स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव. हालांकि, बीच में टिकैत और कक्का जी के बयान आए कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से हो रहे हैं, मगर जमीनी हकीकत इससे परे रही. हालांकि, इसके बाद वहां पुलिस बल पहुंच गई, और किसानों पर काबू पा लिया.

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