
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है. इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान आंदोलन में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने लाल किले की प्राचीर पर खालिस्तानी झंडा लहराया है.
क्या है वायरल पोस्ट का सच?
जब हमने इस वायरल पोस्ट की हकीकत जानने के लिए पोस्ट से जुड़े की-वर्ड्स को इंटरनेट पर सर्च किया, तो हमें बीबीसी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला. जिसमें किसान लाल किले लहराते हुए नजर आ रहे हैं.
तकरीबन 3.35 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि जिस प्राचीर पर किसानों ने झंडा लहराया था, उस प्राचीर पर पहले तिरंगा झंडा नहीं था. वहीं, प्राचीर के नीचे कोई किसान नहीं, बल्कि पुलिस कर्मी दिखाई दे रहे हैं.
इस वीडियो में 23.58 सेकंड पर एक युवक प्राचीर पर चढ़ कर केसरी रंग का खालसा पंथ का झंडा लगा रहा है. वीडियो में 26 मिनट पर प्राचीर पर एक और झंडा लगाया गया. वीडियो को आगे देखने पर पता चलता है कि प्राचीर पर जो दूसरा झंडा लगा है, वह पीले रंग का किसान आंदोलन का झंडा है.
लिहाजा हमारी पड़ताल में साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत है. किसानों ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा उतार कर खालिस्तानी झंडा नहीं लहराया है.