सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट
26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर भड़कीं हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली के नाकों पर पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक व्यवस्था की है और सड़कों पर बैरिकेडिंग के साथ ही कीलें पर लगाई जा रही हैं. वहीं अब सोशल मीडिया पर इस सुरक्षा को लेकर एक पोस्ट वायरल की जा रही है. इस पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि किसानों ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का तोड़ निकाल लिया है. वायरल पोस्ट के मुताबिक किसानों ने ट्रैक्टर के लिए बिना टायर-ट्यूब वाला चक्के तैयार किए जा रहे हैं. सरकार ने सड़क पर कीलें लगवाई हैं, इसका जवाब देने की तैयारी की जा रही है. यह है आत्मनिर्भर भारत.
क्या है वायरल पोस्ट का सच?
जब हमने वायरल पोस्ट की हकीकत जानने के लिए इंटरनेट पर सर्च किया, तो हमें Microblogging Platform Tumblr पर पहली तस्वीर मिली. यह तस्वीर प्लेटफॉर्म पर 5 साल पहले अपलोड की गई थी. हालांकि यह तो साफ हो गया कि इस तस्वीर का हाल में चल रहा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.
फिर हमें E-Commerce Website Amazon पर हरेरंग वाली ट्रैक्टर की दूसरी तस्वीर मिली. इसके
इसके अलावा यह फोटो Dear.com नाम की एक वेबसाइट पर मिली. वेबसाइट के मुताबिक, इस ट्रैक्टर को 1918 में तैयार किया गया था. फिलहाल यह तस्वीर भी पुरानी निकली.
फिर हमने लोहे का घेरा तैयार करते हुए दो शख्सों वाली तीसरी तस्वीर की पड़ताल शुरु की, तो हमें यूट्यूट चैनल पर 18 जुलाई 2019 का एक वीडियो मिला, इससे साफ हो रहा कि वायरल हो रही तस्वीर का इन दिनों से कोई लेना-देना नहीं है.
फिर हमने चौथी तस्वीर यानी लाल ट्रैक्टर और पीले चक्के की पड़ताल शुरु की. तो हमें Dreamstime Agency नाम की वेबसाइट पर मिली. वेबसाइट के मुताबिक, इसका नाम हैरिस मॉडल 55 फार्म ट्रैक्टर है.
इसके बाद नंबर आता है पांचवी तस्वीर का जोकि नीले रंग के ट्रैक्टर की है. हमें इंटरनेट पर रिवर्स सर्च किया, तो हमें एक यूट्यूब वीडियो का लिंक मिला. इस वीडियो में वायरल तस्वीर जैसा ही ट्रैक्टर दिखा. यह वीडियो साल 2013 में Bontrager entertainment नाम के चैनल पर अपलोड किया गया था.
लिहाजा हमारी पड़ताल में सभी तस्वीरें पुरानी साबित हुई जिनका हाल में चल रहे किसान आंदोलन से कोई वास्ता नहीं है. सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत है.