
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड निकालने के दौरान हिंसा और बवाल से किसान संगठनों में फूट पड़ गई. आंदोलन में पिछले करीब दो महीनों से साथ रहे ये संगठन अब अपने को अलग कर लिए और प्रदर्शन वापस लेने की घोषणा कर दी.
दिल्ली में हिंसा की घटना से दुखी होकर भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) ने अपना धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वह बहुत दुखद है. मीडिया से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि मैं कल की घटना से इतना दुखी हूं कि इस समय मैं चिल्ला बॉर्डर से घोषणा करता हूं कि पिछले 58 दिनों से भारतीय किसान यूनियन (भानु) का जो धरना चल रहा था उसे खत्म करता हूं.
उधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेता वीएम सिंह ने भी अपना धरना खत्म करते हुए आंदोलन से बाहर हो गए. उन्होंने कहा कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति के साथ विरोध नहीं कर सकता, जिसकी दिशा अलग है. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन वीएम सिंह और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन विरोध से पीछे हट रहे हैं.
इस बीच, कृषि विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा होने के बाद प्रदर्शनकारी किसान संघों का पक्ष कमजोर हो गया है और उन्हें विश्वसनीयता के संकट का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही, कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि (प्रदर्शनकारी किसान संघों के साथ) समझौता करने के लिए सरकार के पास यह एक सबसे अच्छा समय है और दो महीने से जारी किसानों के आंदोलन को समाप्त किया जाए.