किसान आंदोलन दोफाड़ : आंदोलन से अलग हुए किसान नेता वीएम सिंह का बड़ा आरोप- अलग रूट पर जाना चाहते थे राकेश टिकैत

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राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने खुद को प्रदर्शन से अलग करते हुए आरोप लगाया है कि किसान नेता राकेश टिकैत अलग रूट पर जाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि मुझे उस विरोध से कोई लेना-देना नहीं है जिसका नेतृत्व उनके द्वारा किया जा रहा है और यहां उनकी ओर से प्रतिनिधित्व किया जा रहा है. कहा कि यह राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का निर्णय है, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) का नहीं. यह वीएम सिंह, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और सभी पदाधिकारियों का निर्णय है.

किसान आंदोलन संदिग्ध हो चला है-किसान नेता वीएम सिंह

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों की मांगों को लेकर लेकर शुरू किया था, लेकिन अब इसका रूप बदल चुका है. जो किसान खुद को भूखा रखकर देश को खिलाता है, वह कभी भी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएगा. कहा कि जो लोग ट्रैक्टर परेड के दौरान बैरियर तोड़े हैं और तय रूट से अलग गए हैं, उन लोगों ने किसानों नाम पर धब्बा लगा दिया है. कहा कि हमारी लड़ाई अपने गन्ने की पूरी कीमत दिलाने की थी, गेहूं की पूरी कीमत दिलाने की थी, बैरियर तोड़ने या बसों में आग लगाने की नहीं.

राकेश टिकैत की भूमिका संदिग्ध- किसान नेता वीएम सिंह

उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ने सरकार के सामने किसानों के हित में कोई बात नहीं उठाई. हम सिर्फ समर्थन देते रहे और कोई वहां नेता बनते रहे, ये हमारा काम नहीं है. मैं बड़े दर्द से कहता हूं कि आंदोलन खड़ा करने का काम वीएम सिंह का था. हम इसलिए नहीं आए थे कि देश को अपने आप को और 26 जनवरी को बदनाम करें. हम इसलिए आए हैं क्योंकि जब वापस जाएं तो धान का पूरा रेट मिले, गन्ने का रेट मिले, एमएसपी मिले.

संविधान को ठेंगा नहीं दिखा सकते-किसान नेता वीएम सिंह

उन्होंने कहा कि जो लोग लाल किले पर झंडा लगा रहे हैं, उससे हमें क्या मिला. हमारे पूर्वजों ने बड़े संघर्ष और मेहनत से आजादी पाई थी. उनके प्रतीकों पर इस तरह की घटना करने से हमें चोट लगी है. हम ऐसे आंदोलन में शामिल नहीं हो सकते हैं. हम संविधान को ठेंगा नहीं दिखा सकते हैं.

साजिश के तहत हिंसा-वीएम सिंह

दिल्ली में हिंसा करने वालों की हो सकता है पहले से प्लानिंग रही हो, यह तफ्तीश का विषय है. यह चांस हो सकता है क्योंकि जिसने किले पर झंडा लहराया उसको इनाम मिला है. लेकिन ऐसे लोगों के साथ हम नहीं रह सकते हैं. कहा जो किसान दूसरों को खाना खिलाता है, उसको बदनाम किया गया.

यहां नेतागिरी करने की होड़ लगी-किसान नेता वीएम सिंह

वीएम सिंह ने कहा कि हम आंदोलन करेंगे. हम अपनी कीमत लेकर रहेंगे, लेकिन यहां से जा रहे हैं और हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और संविधान के तहत अपनी मांग मनवाएंगे. कहा कि हमारा आंदोलन बीस साल पुराना है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां आंदोलन के नाम पर चंदा मांगा जा रहा है. हमने मना किया था ऐसा करने के लिए, लेकिन फिर भी गांव-गांव चंदा मांगा गया. यहां नेतागिरी करने की होड़ लगी है. जो लोग अपनी जबान पर कायम नहीं रह सकते हैं, उनके साथ रहने का कोई फायदा नहीं है.

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