शनिवार को रूस के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतरे. दरअसल, यह प्रदर्शन रूस की सरकार के धुर विरोधी एलेक्सी नवेलनी की रिहाई की मांग के लिए हुआ. पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग तीन हजार लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन फिर भी कई जगह शून्य से 50 डिग्री सेल्सिय नीचे तापमान होने के बावजूद लोग प्रदर्शन करने सड़कों पर डटे रहे.
कौन हैं एलेक्सी नवेलनी?
नवेलनी एक भ्रष्टाचार विरोधी कैंपेनर हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े विरोधी माने जाते हैं. उन्होंने साल 2018 में व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में उतरने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें एक आरोप में दोषी ठहरा दिया गया और वह चुनाव नहीं लड़ पाए. पिछले साल अगस्त में 44 साल के नवेलनी को पर नर्व एजेंट हमला किया गया था. उन्होंने इसका सीधा आरोप राष्ट्रपति पुतिन पर लगाया था. रूसी सरकार ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था. नवेलनी जहर दिए जाने के बाद से पहली बार रूस पहुंचे थे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
पत्नी अपनी पति नवेलनी के लिए कर रही है संघर्ष
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े आलोचक और धुर विरोधी नवेलनी को 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जब वह जर्मनी से मॉस्को लौटे. जर्मनी में पांच महीने से उनका इलाज चल रहा था. उन्होंने रूस सरकार पर उनको जहर देने का आरोप लगाया है. नवेलनी की रिहाई के लिए देशभर में हो रहे प्रदर्शनों को हाल के सालों में राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है.
रूस के कई शहरों में लगभग 90 रैलियों का आयोजन किया गया. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के टकराव की वजह से मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग सहित कुछ इलाकों में हिंसा के मामले भी सामने आए. रूस की पुलिस ने जहां 2 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया तो वहीं रैलियां रोकने के लिए भी बल प्रयोग किया गया. साइबेरियाई शहर याकुटस्क में लोग माइनस 50 डिग्री सेल्सियस की ठंड में भी प्रदर्शन कर रहे हैं.
मेरी गिरफ्तारी अवैध-नवेलनी
अधिकारियों का कहना है कि जर्मनी में उनके प्रवास से एक आपराधिक मामले में एक निलंबित सजा की शर्तों का उल्लंघन हुआ है, जबकि नवेलनी का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है. उन्हें फरवरी की शुरुआत में अदालत में पेश होना है कि जब उनकी सजा को लेकर फैसला होगा.
पुलिस पर हमला कर रहे हैं प्रदर्शनकारी
गिरफ्तारी-निगरानी समूह ओवीडी-इन्फो के अनुसार देशभर के 109 शहरों में अब तक 3100 लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस के मुताबिक मॉस्को में शनिवार को करीब 4 हजार प्रदर्शनकारी बिना अनुमति के इकट्ठे हुए. पुलिस पर अचानक पानी की बोतलें, अंडे फेके जाने के बाद विवाद पैदा हुआ.