मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है. सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ होगी. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. यह बजट ऐतिहासिक होगा, क्योंकि इस बार का बजट पेपरलेस होगा. वहीं, बजट को लेकर आज आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा.
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आर्थिक सर्वेक्षण क्या है और और इसका क्या महत्व है.दरअसल, सरकार जो बजट पेश करती है वो आगामी वित्त वर्ष में सरकार किस मद में कितना खर्च करेगी उसका लेखा जोखा होता है. लेकिन सरकार ने इस वित्त वर्ष में कितना कहां खर्च किया इसका लेखा जोखा इकोनॉमिक सर्वे में होता है. या इसे यूं कहे कि आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था की सालाना आधिकारिक रिपोर्ट होती है.
अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी
आर्थिक सर्वेक्षण को मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है. और जब दस्तावेज तैयार हो जाता है तो उसे वित्त मंत्री अनुमोदित करते हैं. बजट सत्र के शुरू होने से पहले इस दस्तावेज को पेश किया जाता है. इसमें निकट भविष्य की योजानाओं और अर्थव्यवस्था में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी दी जाती है. कुल मिलाकर कहे तो, आर्थिक सर्वेक्षण में देश के आर्थिक विकास का अनुमान होता है.
आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व
आर्थिक सर्वेक्षण को डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स तैयार करता है. इस सर्वे में यह जानकारी दी जाती है कि वर्तमान में देश के मनी सप्लाई का ट्रेंड क्या है. इसके अलावा यह देश में कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचे के साथ साथ आयात निर्यात का लेखा जोखा होता है. जो बीते वित्त में देश ने इन सेक्टर पर कितना ग्रेथ किया इसको दर्शाता है. यह दस्तावेज सरकार का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक होता है.