बार्क इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए एक लिखित बयान में दावा किया है कि उनको रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी से 12 हजार डॉलर मिले थे. उनको तीन साल के दौरान कुल 40 लाख रुपये भी मिले जिसके लिए उनको रिपब्लिक के पक्ष में रेटिंग में छेड़छाड़ करनी थी. टीआरपी में छेड़छाड़ करने की यह जानकारी उस सप्लीमेंट्री चार्जशीट से मिली है जो कि टीआरपी घोटाले मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई है.
3600 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट मुंबई पुलिस द्वारा 11 जनवरी को दायर की गई थी जिसमें बार्क फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट भी शामिल थी. साथ ही साथ दासगुप्ता और गोस्वामी के बीच की व्हाट्सएप चैट भी शामिल है. इसके अलावा बार्क के पूर्व कर्मचारी और केबल ऑपरेटर समेत 59 लोगों के बयान शामिल हैं.
ऑडिट रिपोर्ट में कई न्यूज़ चैनल, रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाउ और आज तक, के लिए बार्क के शीर्ष अधिकारियों द्वारा कथित टीआरपी में छेड़छाड़ और रेटिंग की फिक्सिंग की बात की गई है . पार्थो दास गुप्ता, रोमिल रामगढ़िया, विकास खनचंदानी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई थी. सबसे पहले 12 लोगों के खिलाफ नवंबर में चार्जशीट दायर की गई थी. दूसरी चार्जशीट के मुताबिक दासगुप्ता का बयान क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने 9 दिसंबर को रिकॉर्ड किया था.
दासगुप्ता के बयान के मुताबिक – मैं अर्नब गोस्वामी को साल 2004 से जानता हूं. हम टाइम्स नाउ में एक साथ काम किया करते थे. मैंने बार्क के सीईओ के तौर पर 2013 में ज्वॉइन किया था और अर्नब गोस्वामी ने साल 2017 में रिपब्लिक टीवी लॉन्च किया था. रिपब्लिक लॉन्च करने से पहले उसने मुझसे कई बार योजना को लेकर बात की थी और रेटिंग के लिए मदद करने की बात भी कही थी. गोस्वामी को पता था कि मुझे मालूम है कि टीआरपी सिस्टम कैसे काम करता है?
बयान में कहा गया कि मैं अपनी टीम के साथ काम करता था और टीआरपी में छेड़छाड़ करता था. जिससे कि रिपब्लिक टीवी को नंबर एक रेटिंग मिल सके. यह लगभग साल 2017 से 19 तक जारी रहा. 2017 में अर्नब गोस्वामी ने मुझे करीब 6000 डॉलर कैश दिए. इसके बाद 2019 में भी उन्होंने मुझे इतनी ही राशि दी. 2017 में भी गोस्वामी ने मुझ से मुलाकात की और मुझे 20 लाख रुपये कैश दिए. 2018 और 2019 में उन्होंने फिर मुझे 20 लाख रुपये दिए.